सूरज की किरणे, वैसे तो सारे जहाँ को नहलाती है सूरज की किरणे, वैसे तो सारे जहाँ को नहलाती है
तन्हाई में भी तू बहार बनके आएगी क्योंकि तुम ही तो हो जिंदगी मेरी। तन्हाई में भी तू बहार बनके आएगी क्योंकि तुम ही तो हो जिंदगी मेरी।
ज़िंदगी का अहम हिस्सा भी यही है दगाबाज़ों की बस्ती का आईना भी यही है ज़िंदगी का अहम हिस्सा भी यही है दगाबाज़ों की बस्ती का आईना भी यही है
तेरे वादों पर यकीन करते करते अब हम थक से गये हैं। तेरे वादों पर यकीन करते करते अब हम थक से गये हैं।
काम और सपनों के बीच की हकीकत को बंया करती कविता काम और सपनों के बीच की हकीकत को बंया करती कविता
वक्त और किस्मत का ये फलसफा हर पल आंखें भिगोता है, जब मुझसे जुड़ा कोई अस्तित्व खोता ह वक्त और किस्मत का ये फलसफा हर पल आंखें भिगोता है, जब मुझसे जुड़ा कोई अस्त...